"प्रवासी जीवन के अपने पड़ाव"

नीदरलैंड्स। साझा संसार नीदरलैंड्स की पहल ‘प्रवास: मेरा नया जन्म’ का आयोजन शैलजा सक्सेना कनाडा की अध्यक्षता में ऑनलाइन सम्पन्न हुआ। इस आयोजन के स्वागत वक्तव्य में रामा तक्षक ने बताया कि ‘प्रवास: मेरा नया जन्म’ शीर्षक ने व्यक्तिगत रूप से बरसों  मुझे बहुत सोचने को बाध्य किया है। परदेश में, प्रवासी जीवन जीते हुए हम पाते हैं कि जीवन का एक नवीन व्यापक क्षितिज हमारे समक्ष है। हमारी आँखों के सामने है। जीवन के नये मूल्य रंगबिरंगे कैनवास पर बिखरे पड़े हैं। प्रवासी रचनाकारों के लिए इन जीवन मूल्यों को अपने लेखन में समेट, भारतीय साहित्य को समृद्ध करना एक अहम चुनौती है।

शैलजा सक्सेना ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि प्रवासी जीवन के अपने पड़ाव हैं। उन्होंने प्रवासी लेखकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रवासी जीवन के समक्ष नये जीवन मूल्यों का अगाध भण्डार है। ये जीवन मूल्य ही प्रवासी रचनाधर्मिता की ताकत हैं। इस आयोजन की मुख्य वक्ता के रूप में ललिता माथुर चौहान तंजानिया से भाग लिया। उन्होंने तंजानिया में रहते हुए अपने जीवन में आये बदलावों का तथ्यगत बातें बताकर एक रेखाचित्र खींचा। साथ ही तिथि दानी ने लंदन से विनोद दुबे ने सिंगापुर से और जीतू जलेसरी ने तंजानिया से प्रवासी रचनाओं का पाठ कर आयोजन में चार चाँद लगाये। आयोजन का सहज एवम जीवंत मंच संचालन नीदरलैंड्स से विश्वास दुबे ने व तकनीकी संचालन राजेंद्र शर्मा ने किया।

Comments