जयपुर। इंटरनेशनल सोसायटी फॉर लाइफ साइंसेज तथा सेंटर फॉर न्यूट्रिशन साइंसेज, राजस्थान विश्वविद्यालय व कनोडिया पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में शहरी जैविक खेती के विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी शनिवार को संपन्न हुई। कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि मेवात रीजनल डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान ने विशेष योगदान देने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। खान ने अपने उद्बोधन में शहरी जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे आज की महती आवश्यकता बताया। उन्होंने प्रदेश के लोगों के लिए शहरी जैविक खेती को सुलभ बनाने हेतु सब्सिडी तथा राज्य सरकार की ओर से सहयोग दिए जाने बाबत मुख्यमंत्री से बात करने तथा राज्य सरकार के समक्ष चर्चा का प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को शहरी स्तर पर जैविक खेती की बारीकियां एवं उपयोगिता पर प्रतीक तिवारी ने “रूफटॉप फार्मिंग” व शुभेंदु दास ने “वेस्ट मैनेजमेंट” पर व्याख्यान दिया तथा ट्रेनिंग भी प्रदान की। कार्यशाला में आयोजित किए गए खुले सत्र में विशेषज्ञों के साथ में लगभग 300 प्रतिभागियों ने अपने सवालों के जवाब प्राप्त किए। कानोडिया कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने छात्राओं को शहरी जैविक खेती के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने के लिए विभिन्न योजनाओं एवं अवसरों के बारे में बताया। समापन समारोह की विशिष्ट अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय की सिंडीकेट सदस्य प्रोफेसर निमाली सिंह ने छात्राओं को तीव्रता से आगे आकर शहरी जैविक खेती के अवसरों को उपयोग में लेने का आह्वान किया। विशेष अतिथि प्रोफेसर पी.जे. जाॅन ने शहरी जैविक खेती को अत्यंत आवश्यक तथा बिना किसी विलंब के शुरू करने के लिए शपथ लेने के बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंटरनेशनल सोसायटी फॉर लाइफ साइंसेज के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक कुमार ने शहरी भोजन, उसकी विषाक्तता तथा रोगों के बारे में परस्पर संबंध बताते हुए जैविक खेती के महत्व को रेखांकित किया तथा कैंसर जैसे घातक रोग में पोषण की भूमिका और उसमें जैविक खेती के औचित्य को समझाया। कार्यशाला के को-चेयरपर्सन डॉक्टर हेमंत पारीक ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर लाइफ साइंसेज की गतिविधियों तथा शहरी जैविक खेती मिशन के ऊपर प्रकाश डाला तथा जन सामान्य को इस कार्यक्रम से जोड़ने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रो. मधु कुमार, डॉ. समीर शर्मा, डॉ. शशि मीणा, डॉ. सुमन भाटिया, डॉ. रश्मि पारीक, डॉ. ऋतु जैन (आयोजन सचिव), डॉ. सुनील छिंपा (आयोजन सचिव), डॉ. मंजू लता, डॉ. मदन मोहन महावर, डॉ. रेणु बिष्ट, रघुराज सिंगोदिया, डॉ. सीमा पारीक आदि ने परस्पर संवादात्मक वर्कशॉप में भाग लिया। कार्यशाला की संयोजिका डॉ. रंजना अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।