जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा अपने कौशल से निर्मित हस्तशिल्प की कलाकृतियों को बढ़ावा देने एवं इनके द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों को उचित मूल्य दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दीपावली के अवसर पर अपने उत्पादोेंं की अच्छी तरह से मार्केटिंग करें जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त और सम्पन्न हो सकें।
अरोरा ने राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद द्वारा इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित राजीविका दीपावली ग्रामीण हाट मेला के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा प्रदेश के सभी जिलों की ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के रूप में संगठित कर उनकी क्षमता संवर्धन कर उन्हें बैंकों से आसान शर्तों पर ऋण सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिला अपने कौशल के अनुरूप आजीविका संबंधी गतिविधियों को अपनाकर ना केवल अपनी आजीविका को बढ़ा रही है बल्कि गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं।
प्रमुख शासन सचिव ने समस्त जिलों द्वारा लगाई गई सभी स्टालों का निरीक्षण किया जहां पर मीनाकारी, कशीदाकारी की जूतियां, बाड़मेर का एप्लिक वर्क, कोटा डोरिया की साड़ी एवं सलवार कमीज, राजसमंद के मोलेला की मिट्टी के विभिन्न उत्पाद, विभिन्न प्रकार के अचार, पापड़-मंगोड़ी, नमकीन, साबुन आदि उत्पादकों को बारीकी से देखा एवं महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा तैयार उत्पादों को बनाने की विधियों एवं तकनीकी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर उनकी हौसला अफजाई की।
लड्डू के लगाए विशेष स्टॉल
ग्रामीण हाट मेले में दीपावली त्यौहार को देखते हुए मिठाई के रूप में विभिन्न प्रकार के लड्डूओं की विशेष स्टाल लगाई गई हैं, जिसमें सबके सामने शुद्ध घी एवं बेसन के लड्डू बनाए जा रहे हैं। यह सब कुछ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है। लड्डू बनाते समय ताजगी एवं शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
आकर्षक उत्पादकों ने अपनी ओर खींचा सबका मन
ग्रामीण हाट मेले में 90 महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा हिस्सा लिया गया है। जिसमें सवाई माधोपुर की ब्लैक पॉटरी व लाख की चूड़ियां, राजसमंद की मोलेला पॉटरी व शरबत, गुलकंद, मीनाकारी मिट्टी के सजावटी बर्तन, दौसा की चमड़े की जूतियां, भरतपुर के जूट उत्पाद, नागौर की कस्तूरी मेथी एवं पचकूटा, अजमेर के चमड़े के बैग, गुलदस्ते बटुए, झालावाड़ का हथकरघा हैंडलूम, चित्तौड़गढ़ का शहद व आंवले का मुरब्बा, बीकानेर की बेडशीट, कशीदाकारी किए हुए कपड़े, नमकीन, केर सांगरी, अचार, डूंगरपुर की सोलर लाइट उत्पाद, स्पोट्र्स तीर कमान एवं प्रतापगढ़ का मसाला व हींग आदि जिलों के उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीददारी की।
स्टेट मिशन निदेशक राजीविका शुचि त्यागी ने बताया कि दीपावली के अवसर पर इस बार विशेष रूप से जयपुर जिले की कोटपुतली ब्लॉक की महिलाओं द्वारा लड्डू की विस्तृत श्रृंखला तैयार की गई है जिसमें बेसन मूंग दाल, गोंद तथा मेथी के लड्डू देसी घी में तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह ग्रामीण हाट मेला 31 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा यह मेला प्रतिदिन सुबह 10ः00 बजे से रात्रि 9ः00 बजे तक खुला रहेगा। मेले प्रवेश शुल्क निःशुल्क है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास के शासन सचिव डॉ. के के पाठक, पंचायती राज विभाग के शासन सचिव पीसी किशन सहित राजीविका के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।