अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ख्यात शोध वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्रों का किया वाचन

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग, इंटरनेशनल सोसायटी फॉर लाइफ साइंसेज एवं विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरशिप एंड करियर हब द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी International Conference on Multidisciplinary Approaches to Environmental Research for Human Health के द्वितीय दिवस विभिन्न विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। अमेरिका, जापान, जर्मनी एवं मॉरीशस के वैज्ञानिकों के साथ-साथ भारत के ख्यात शोध वैज्ञानिकों  ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। फोर्टिस हॉस्पिटल, जयपुर के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राकेश चितौड़ा ने Cardiovascular diseases और पर्यावरण-ह्रदय रोग सम्बन्ध को रेखांकित किया तथा उनके परस्पर सम्बन्ध को बताया। अमेरिका के वैज्ञानिक प्रो. मुकेश न्याति ने कैंसररोधी दवाइयां के निर्माण के सम्बन्ध पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। अपनी शोधयात्रा में कैंसररोधी दवाइयों तथा कैंसरजनक जीन्स के प्रभाव को कम करने के शोध को रेखांकित किया। डीएनए रिपेयर प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। नवीन ड्रग के बारे में विस्तार से बताया, जिनका उन्होंने अमेरिका में पेटेंट करवाया है। मॉरीशस के वैज्ञानिक प्रो. थीशान ने खाद्य और पोषक पदार्थ शोध परिणामों तथा नीतिगत पक्ष को बताया। डॉ. सारिका गुप्ता ने प्रयोगशाला और औद्योगिक विकास के मध्य अंतर को पाटने के प्रयासों को रूपाकार देने की विधाओं पर व्याख्यान दिया। आईआईटी तिरुपति के वैज्ञानिक डॉ. रोशन श्रीवास्तव ने प्रौद्योगिकी (जीपीएस ) के साथ युवा सहज तकनीक द्वारा पर्यावरण क्षरण को नियन्त्रण करने का नवाचार साझा किया। सहभागियों के साथ पॉल्युशन नियन्त्रण तकनीक का प्रदर्शन किया। राजस्थान विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज कुमार पंडित ने जल के महत्त्व और रासायनिक स्वरुप पर प्रकाश डाला। प्रो. ज्ञानसिंह शेखावत ने पादपों के Antioxidant System पर भारी धातुओं का प्रभाव को बताया। छत्तीसगढ़ के डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह ने कोरोना महामारी और पॉल्युशन से C-Reactive Protein द्वारा Imflammation पर प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। चयनित सहभागियों ने ओरल और पोस्टर प्रस्तुति की।

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