स्पंदन-2022 में 900 स्कूली बच्चों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां

जयपुर। महिला आधिकारिता विभाग व फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स ग्लोबली के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को बिडला ऑडिटोरियम में स्पंदन 2022 का समापन रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ। सैकड़ों स्कूली बच्चों से खचाखच भरे बिडला सभागार में समर कैम्प के 900 बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर सभी का मनमोह लिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बच्चों की शिक्षा बाधित रही। ऐसे माहौल में बच्चे को स्कूलों से जोडऩे और पढ़ाई के साथ रचनात्मक कार्यक्रमों के जरिए ऊर्जा व उत्साह से भरने के लिए समर कैम्प का प्रयोग सफल रहा। इसे आगे बढ़ाने की जरुरत है। बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता उन्हें मंच प्रदान करने की। ताकि वे अपनी प्रतिभा साबित कर सके। स्पंदन 2022 के जरिए सैकड़ों बच्चों ने अपनी प्रतिभा को साबित भी कर दिया। पूर्व आईएएस राजेन्द्र भानावत ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ नृत्य, कम्प्यूटर, आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए समर कैम्प का प्रयोग सफल रहा। विभाग की आयुक्त रश्मि गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि समर कैम्प का प्रयोग सार्थक रहा है। बच्चों को अवसर देने की जरुरत है। ये आसमान में छा सकते हैं। जिला कलक्टर राजन विशाल ने कार्यक्रम में शिरकत करके बच्चों की प्रदर्शनी को निहारा। निर्भया स्क्वाड प्रभारी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता मीणा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। इनमें इतिहास बनाने की ताकत है। बच्चों ने जिस तरह की प्रस्तुति दी है, वह काबिलेतारीफ है। 40 दिवसीय समर कैम्प के दौरान बच्चों ने घर के व्यर्थ सामानों का सदुपयोग करने के गुर सीखे। इस दौरान उनके द्वारा तैयार किए गए सामानों की तारें जमीं पर शीर्षक से प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसका महिला आधिकारिता विभाग के सचिव दिनेश यादव ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने नन्हें बच्चों के प्रयासों की जमकर सराहना की। इस दौरान अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स के प्रोजेक्ट लीडर सुनील शेखर शर्मा ने स्पंदन कार्यक्रम में बच्चों को सिखाई गई गतिविधियों की जानकारी दी। विभाग के राज्य परियोजना समन्वयक मोहन लाल यादव ने कोविड के बाद बच्चों की शिक्षा को लेकर उठाए गए कदम की सराहना की। वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के राज्य समन्वयक जगदीश प्रसाद ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की गई। इस दौरान एसिड अटैक पर आधारित एक नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम में स्कूलों के प्रधानाचार्य, एसएमसी व एसडीएमसी सदस्यों व अभिभावकों ने उत्साह से भाग लिया।

आत्मरक्षा के बताए गुर

समर कैम्प के दौरान बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढ़ाने व विकट परिस्थितियों में खुद की सुरक्षा करने को लेकर आत्मरक्षा के गुर सीखे। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण उन्हें राजस्थान पुलिस की निर्भया स्कवॉड द्वारा दिया गया। जिसका बालिकाओं ने मंच पर प्रदर्शन कर हर किसी को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया।

नाटकों से दिया समाज को संदेश

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने बेटियों की शिक्षा और उसकी सुरक्षा व बाल विवाह एक अभिशाप को लेकर नाटक के माध्यम से समाज को सार्थक संदेश दिया। इसी तरह उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को नाटक के माध्यम से उकेरा। इसी तरह 40 दिवसीय समर कैंप के दौरान सीखे गए अपने शैक्षिक ज्ञान को नाटक के जरीए दर्शाया। जिसकी सभी ने जमकर सराहना की। वहीं आरंभ है प्रचंड है, जंगल-जंगल बात चली है पता चला, तेरी मिट्टी में मिल जांवा, सतरंगी राजस्थान, ये सच है के भगवान है सरीखे 40 से अधिक गीतों पर नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियां दी।

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