अखिल भारतीय किसान सभा ने की आंदोलन की रूपरेखा तय

जयपुर। अखिल भारतीय किसान सभा की राज्य कमेटी की बैठक कल किसान सभा के राज्य कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष का. पेमाराम ने की। बैठक में 1, 2, 3 अक्टूबर, 2022 को श्रीगंगानगर जिले के श्रीविजयनगर में सम्पन्न हुए किसान सभा के 28वें राज्य सम्मेलन में पारित किए गए विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए उन पर आंदोलन की रूपरेखा तय की गई।
राज्य पदाधिकारियों की बैठक की जानकारी देने के लिए आज एक प्रेस-वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस-वार्ता को किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष पेमाराम, राज्य महासचिव छगन चौधरी और राज्य संयुक्त सचिव डाँ. संजय माधव ने सम्बोधित किया। प्रेस-वार्ता को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के नेताओं ने केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू की जा रही किसान विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए सरकारों पर किसान हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। राज्य में लम्पी महामारी से भारी पशुधन की हानि पर रोष प्रकट करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार पर बीमारी से निपटने के लिए नाकामी का आरोप लगाया। दोनों ही सरकारों ने बजाय किसान हितों में कदम उठाने के एक-दूसरे के ऊपर दोषारोपण करते हुए वास्तविक तथ्यों पर लीपापोती करने का प्रयास किया। किसान सभा ने बीमारी से लाखों गायों की मृत्यु के लिए सरकारों को जिम्मेदार मानते हुए सभी प्रभावित किसानों को समुचित मुआवजा देने की मांग की है।
किसान सभा ने बाजरा, मूंग, सोयाबीन और मूँगफली सहित अन्य फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की। समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसानों को अपनी उपज को कम कीमत पर बाजारों में बेचना पड़ रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया है। इस ज्ञापन में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने के साथ ही किसानों के अन्य ज्वलंत मुद्दों के समाधान की मांग की गई है। ज्ञापन में उठाई गई मांगे निम्न हैं :
1. किसान आंदोलन में बनाये गए मुकदमें वापस लिए जाएं।
2. बाजरा, मूंग, सोयाबीन और मूँगफली सहित अन्य फसल जिनकी एम.एस.पी तय है उनकी तुरन्त प्रभाव से सरकारी खरीद की व्यवस्था कराएं।
3. सरकार सही तरीके से क्राप-कटिंग करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पुनः निदेर्शित कराए।
4. डीएपी और यूरिया की आपूर्ति बिना बाधा के सुनिश्चित की जाये।
5. बेमौसमी बारिश से हुए खराबे का मुआवजा और क्राप-कटिंग के बाद हुए नुकसान का बीमा क्लेम दिलाएं।
6. किसानों को छः घंटे की पूरे वोल्टेज की बिजली दिलवाने की व्यवस्था कराएं।
7. जिन किसानों ने बिजली के डिमाण्ड जमा करवा दिए है, उनको जल्द कनेक्शन दिलवाएं।

किसान सभा के राज्य पदाधिकारियों की बैठक में मांग पत्र पर शीघ्र ठोस कार्यवाही ना होने की स्थिति में राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है। राज्यभर में 18 अक्टूबर को सभी तहसील, मुख्यालयों पर इस राज्य स्तरीय मांग पत्र को लेकर ज्ञापन दिये जायेंगे। इसके पश्चात 28 अक्टूबर से सभी तहसील कार्यालयों पर अनिश्चितकालीन धरने आयोजित किए जाएंगे।

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