सिर्फ वीगन डाइट ही लेने से शरीर में हो सकती है पोषक तत्वों की कमी

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हेल्दी खाने को लेकर लोगों में जागरूकता आई है। कुछ लोग अपनी डाइट में वेज तो कुछ लोग नॉनवेज को चुनते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे वीगन डाइट चुनने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही वीगन डाइट को लेकर भी कई तरह के सवाल उठने लगे है। 

आखिर ये वीगन डाइट क्या होती है और ये शरीर के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक है। इस बारे में इस पोस्ट में जानते है। 

वीगन का मतलब शुद्ध शाकाहारी डाइट होता है। वीगन डाइट वाले लोग डेयरी प्रोडक्ट्स भी नहीं खाते हैं. वीगन डाइट को फॉलो करने वाले जानवरों से मिलने वाला कोई भी खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मछली, दूध, दही, घी, पनीर, डेयरी प्रोडक्ट्स, शहद जैसी चीजें नहीं खाते हैं। ये सिर्फ पेड़-पौधों से मिलने वाले फल, सब्जियां, अनाज, मेवे वगैरह खाते हैं।  

वेज और वीगन में होता है अंतर

कई बार लोग वेज और वीगन डाइट को एक जैसा समझ लेते हैं। ऐसा नहीं है। वीगन डाइट सिर्फ ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो सीधे पौधों से मिलता है या प्लांट बेस्ड फूड से बनाए जाते हैं। वेजिटेरियन अथवा शाकाहारी लोग खानपान में पनीर, मक्खन, दूध, दही, शहद जैसी चीजें भी खाते हैं। लेकिन वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोग पनीर, मक्खन या किसी भी ऐसा खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल नहीं करते हैं, जिसका जुड़ाव जानवरों से होता है।  

वीगन डाइट से पोषक तत्वों की कमी

  • सिर्फ वीगन डाइट का सेवन करने वाले लोगों में पोषक तत्वों की कमी का खतरा ज्यादा रहता है। 
  • विटामिन B12 का वीगन डाइट में प्राकृतिक स्रोत नहीं होता है। ये मांस, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद से मिलता है। इसकी कमी से कमजोरी, थकान, नसों में दर्द और एनीमिया की शिकायत हो सकती है। 
  • वीगन डाइट का सेवन करने वाले लोगों में आयरन की कमी हो सकती है।
  • वीगन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स कम होते हैं, जिसकी वजह से कैल्शियम की मात्रा कम होने का खतरा रहता है। इससे कमजोर हड्डियां और ऑस्टियोपोरोसिस संबंधी समस्याएं आ सकती है। 
  • सूरज की रोशनी और कुछ मछली व डेयरी उत्पाद विटामिन डी का मुख्य स्रोत होते हैं। वीगन डाइट में इन फूड्स को नहीं शामिल किया जाता है। इससे हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। 
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड:मुख्य रूप से मछली में पाया जाता है। वीगन डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का सोर्स कम रहता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं, सूजन, और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। 
  • जिंक की कमी शाकाहारी आहार में आम है क्योंकि इसका प्रमुख स्रोत मांस होता है। इससे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, बाल झड़ना, और घाव भरने में देरी जैसी समस्या हो सकती है। 
  • मांस और डेयरी उत्पादों के बिना, शाकाहारी लोगों को पर्याप्त प्रोटीन मिलना मुश्किल होता है। इसके अभाव में मांसपेशियों की कमजोरी, थकान हो सकती है।