कुर्सी नहीं, जमीन पर बैठना है ज्यादा सेहतमंद

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आमतौर पर हमारा अधिकांश दिन कुर्सी या सोफे पर बैठ—बैठे बीतता है। फर्श पर बैठना हमारी दिनचर्या से बाहर हो रहा है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो जमीन पर बैठना ज्यादा सेहतमंद होता है। इससे शरीर को कई फायदे होते हैं।  

दरअसल, फर्श पर जिस तरह लोग बैठते हैं, वह एक तरह का आसन होता है। ऐसा करना कूल्हों, पैरों, पेट ही नहीं ओवरऑल हेल्थ के लिए लाभकारी होता है। जमीन पर बैठकर खाने से पाचन भी दुरुस्त रहता है।

फर्श यानी जमीन पर बैठना हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। हमारे यहां जमीन पर बैठकर खाने की पुरानी परंपरा रही है। आज भी गांवों में ज्यादातर लोग जमीन पर ही बैठकर खाना पसंद करते हैं। इससे पाचन सुधरता है, बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहती है और कई अन्य फायदे होते हैं।

जमीन पर पद्मासन यानी पलथी लगाकर बैठना मेडिटेशन के लिए फायदेमंद होता है। इस आसन से तनाव कम होता है और शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ता है। इस स्थिति में बैठने से रीढ सीधी होती है और कंधे की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
जमीन पर बैठने से शरीर की बहुत सी मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचक बढ़ती है। जिससे शरीर कई समस्याओं से बच सकता है और हमेशा एक्टिव बना रहता है। इससे ऊर्चा का सही संचार होता है।
व्यस्त जीवनचर्या के बीच ज्यादातर लोग आज किसी न किसी दर्द से गुजरते हैं। इस दर्द को कम करने के लिए आप फर्श पर बैठ सकते हैं। ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से, कमर और पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है और पैरों, घुटनों और कूल्हों की ताकत भी बढ़ती है, जिससे दर्द कम हो सकता है।
क्रॉस लेग पोजीशन में बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया होता है। जमीन पर बैठने से हार्ट की हेल्थ भी बेहतर बनी रहती है। इससे दिल पर कम दबाव पड़ता है। सुखासन में बैठने से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है।
कुर्सी या सोफे पर लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों में सूजन आ जाती है। जबकि फर्श पर बैठने से यह समस्या नहीं रहती।